आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ ने गुरुवार को कायपान प्रोडक्ट्स प्रालि कंपनी के संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, घड़यंत्र से 19 सौ करोड़ की टैक्स चोरी करने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है। कंपनी के गोविंदपुरा स्थित कमला पसंद, राजश्री व ब्लैक लेबल सहित 8 उत्पाद बनाने बाली दो फैक्ट्रियों पर ।0 जनवरी को छापा मारकर सील की गई थीं। इन इकाइयों में एक अप्रेल, 209 से 9 जनवरी, 2020 तक ॥3 मशीनों से 5 अरब 38 लाख 56 हजार गुटखा पाउच का उत्पादन कर 900 करोड़ रुपए का टैक्स चोरी किया गया। कुल 9 महीने में यह खुलासा स्टेट जीएसटी की रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने गुटखा निर्माताओं पर केस दर्ज कर लिया है। ईओडब्ल्यू का अनुमान है कि टेक्स चोरी का आंकड़ा जांच के बाद और बढ़ेगा। जिस रिपोर्ट में यह टैक्स चोरी का अनुमान लगाया गया है, वह प्राथमिक जांच रिपोर्ट है और अभी कई दस्तावेजों की छानबीन होना बाकी है। एफआईआर के अनुसार 9 महीने में 5 अरब, ३8 लाख 56 हजार पाउच का उत्पादन किया है। लेकिन कंपनी ने एक अरब 27 करोड़ 3 लाख 45 हजार 308 पाउच का ही उत्पादन होना बताया। यानी तीन अरब 73 करोड़ 7] लाख 692 पाउच का उत्पादन कम दिखाया। जिस पर 28 प्रतिशत जीएसटी, 60 प्रतिशत सेस मिलाकर 88 प्रतिशत की दर से छलपूर्वक 9 सौ करोड़ रुपए का टेक्स चोरी किया गया है। वहीं कमला पसंद, राजश्री और ब्लेक लेबल व शिमला-विमल पान मसाला और गुटखा फैक्ट्रियों के छापे में आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ को टैक्स चोरी के साथ ही राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने का भी खुलासा हुआ है। दरअसल पान मसाला की ज्यादातर सप्लाई बिना बिल के होती है। निर्माण, सप्लाई और उपभोग तक की चैन इतनी मजबूत होती है कि विभाग इस पर टैक्स का आकलन ही नहीं कर पाता। फ्रेंचाइजी लेने वालों के बारे में विभाग का कहना है कि कायपान पान प्रोडक्ट्स प्रालि कंपनी भोपाल में पान मसाला बनाने वाली यूनिट के दोनों फ्रेंचाइजी से हम पूछताछ कर रहे हैं।