क्षेत्रीय
10-Feb-2023

MP के छतरपुर के बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भले ही किसी से एक रुपया भी दक्षिणा नहीं लेने का ऐलान करते हो लेकिन हकीगत इसके उलट है। बागेश्वर धाम कमाई का अड्डा बना गया है। बागेश्वर धाम में सबसे ज्यादा कमाई दुकानों से हो रही है। बागेश्वर धाम के पास घोष परिवार की जमीन है। इसमें 1.5 एकड़ जमीन 30 लाख रुपए में पिछले दिनों धीरेंद्र शास्त्री को बेची गई है। इसकी बाजार भाव से कीमत सवा करोड़ रुपए है। बागेश्वर धाम पहुंचने के रास्ते में 100 से ज्यादा दुकानें हैं। दुकानों के नाम पर खेत किनारे सिर्फ टेंट लगे हैं। इन्हीं टेंट में दुकानदारों ने अपने-अपने रैक बना लिए हैं। मंदिर के करीब वाली दुकानों का किराया एक लाख रुपए महीने है। जैसे-जैसे दूरी बढ़ती है किराया 80 हजार से घटता हुआ 50 हजार रुपए महीने तक हो जाता है। बताया जाता है कि ज्यादातर जमीन यहां धीरेंद्र और उनके परिवार के सदस्यों की है। किराया भी उन्हीं को जाता है। बागेश्वर मंदिर जाने वाले रास्ते के एंट्री करते ही एक काउंटर लगा है। काउंटर पर 200 रुपए की लागत वाला यंत्र 5100 रुपए में बेचा जा रहा है। इसके लिए भी पहले से रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। आसपास ढेर सारी दान पेटियां रखी हुई हैं जहां लोग नकद दान पेटी में डालते हैं। दान के लिए नकदी न हो तो ऑनलाइन पेमेंट के लिए स्कैन कोड भी लगे हैं। ग्राम पंचायत ने पार्किंग का ठेका धीरेंद्र शास्त्री के चचेरे भाई लोकेश गर्ग ने 33 लाख 18 हजार रुपए में लिया लिया। है जिससे वे रोजाना 50 हजार से एक लाख रुपये महीना कमा रहे है। वही अनुमान के अनुसार 7 करोड़ रुपए के तो सिर्फ महीने में नारियल चढ़ते हैं। इसके साथ बागेश्वर धाम के अन्य स्रोतों से भी करोड़ो रुपये की कमाई हो रही है।


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