राष्ट्रीय
03-Feb-2021

महाराष्ट्र के मतदाताओं को बैलेट पेपर से भी मतदान करने का विकल्प मिल सकता है। विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने मंगलवार को विधान भवन में बैठक कर अधिकारियों के साथ चर्चा की और जल्द कानून बनाने के निर्देश दिए हैं। उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश समेत देश के भाजपा शासित राज्य जहां लव जिहाद रोकने के लिए सख्त कानून बना रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार ने ऐसे किसी भी कानून को लाने से इनकार किया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को संसद में बताया कि केंद्र सरकार ने लव जिहाद को लेकर कानून बनाने का फैसला राज्यों पर छोड़ा है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 70वां दिन है। आंदोलन को मजबूत करने के लिए किसान लगातार दिल्ली पहुंच रहे हैं। वहीं हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में आज किसान महापंचायत बुलाई गई है। इसमें 50 हजार लोगों के जुटने का अनुमान है। गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन की कमान संभाल रहे किसान नेता राकेश टिकैत भी जींद की महापंचायत में शामिल होंगे। किसान संगठनों ने मंगलवार को ऐलान किया है कि वे 6 फरवरी को नेशनल और स्टेट हाईवेज को जाम करेंगे। भारतीय किसान मोर्चा (आर) के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि शनिवार को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक जाम किया जाएगा। उधर, किसानों के रुख को देखते हुए पुलिस भी बैरिकेडिंग मजबूत करने में जुटी है। पाकिस्तान के फैसलाबाद (पहले लायलपुर) स्थित शहीद-ए-आजम भगत सिंह का पुश्तैनी मकान स्मारक बनाने के लिए बेचा जाएगा। पुश्तैनी गांव बंगा के नंबरदार और वकील, जिनके पास इसका कब्जा है, वे इसे देने के लिए राजी हो गए हैं। नए कृषि कानून को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में 70 दिन से किसान आंदोलन जारी है। इस कड़ाके की सर्दी में किसानों के मुद्दे ने बजट सत्र का माहौल गरमा दिया है। मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामा के चलते राज्यसभा को चार बार और लोकसभा को दो बार स्थगित करना पड़ा। सरकार भारतीय वायुसेना के लिए सरकारी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड से 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान खरीदने का 48000 करोड़ रुपये का सौदा बुधवार को आधिकारिक रूप से करेगी। यह अब तक का सबसे बड़ा स्वदेशी रक्षा खरीद सौदा होगा। किसान आंदोलन जितना लंबा होता जा रहा है, उतने ही उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। जहां ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में बवाल व लालकिला पर धार्मिक झंडा फहराने के अगले दो दिन तक के हालात से आंदोलन सिमटता दिख रहा था, वहीं केवल पांच दिन में धरनास्थल पर दोबारा से दोगुने से ज्यादा किसान हो गए हैं।


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