1 गूगल, फेसबुक और ट्विटर ने पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की मनमानियों से तंग आकर देश छोड़ने की धमकी दी है। इमरान खान सरकार ने पाकिस्तान इलेक्टॉनिक मीडिया रेगुलेटर अथॉरिटी (च्ंापेजंद म्समबजतवदपब डमकपं त्महनसंजवतल ।नजीवतपजल- च्म्डत्।) को डिजिटल कंटेंट को सेंसर करने की अतिरिक्त शक्ति दे दी है, इससे सोशल मीडिया नेटवर्क्स ने पाकिस्तान छोड़ने की धमकी दी है। 2 कोरोना वायरस महामारी से ना सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया प्रभावित हुई है। देश में मशहूर लुधियाना की वुलन होजरी इंडस्ट्री भी इससे अछूती नहीं है। कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से सालों से प्रसिद्ध इस इंडस्ट्री को 5000 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है। हर साल 10 से 12 हजार करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली लुधियाना वुलन होजरी इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई है। वहीं, बात अगर तिब्बत बाजार की करें, तो लॉकडाउन से इसका 500 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। 3 किशोर बियानी के नेतृत्व वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) और मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए राहत भरी खबर आई है। 24,713 करोड़ रुपये की इस डील को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (ष्टष्टढ्ढ) ने मंजूरी दे दी है। यानी अब रिलायंस इंडस्ट्रीज को फ्यूचर ग्रुप के कारोबार का अधिग्रहण करने में आसानी होगी। इससे दिग्गज अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन को बड़ा झटका लगा है। 4 मल्टीनेशनल कंपनीज या कॉरपोरेट टैक्स के दुरुपयोग और प्राइवेट टैक्स की चोरी के कारण भारत को हर साल 10.3 बिलियन डॉलर करीब 75 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। द स्टेट ऑफ टैक्स जस्टिस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस टैक्स चोरी से सभी देशों को हर साल 427 बिलियन डॉलर करीब 31 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होता है। यह नुकसान 3.4 करोड़ नर्सों की वार्षिक सैलरी के बराबर है। 5 भारतीय रिजर्व बैंक अगर अपने आंतरिक वर्किंग ग्रुप की सिफारिश को स्वीकार लेता है तो गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के बैंक बनने का रास्ता आसान हो जाएगा। ऐसी स्थिति में सबसे आगे महिंद्रा एंड महिंद्रा और बजाज फाइनेंस प्रमुख दावेदार होंगी। जबकि पेटीएम जैसे पेमेंट्स बैंक भी स्मॉल फाइनेंस बैंक बन सकते हैं। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि यह सभी कॉर्पाेरेट घरानों की एनबीएफसी हैं और नियमों का पालन करती हैं। इस वर्किंग ग्रुप की स्थापना 12 जून 2020 को की गई थी। 6 भारतीय रिजर्व बैंक के एक इंटरनल वर्किंग ग्रुप ने शुक्रवार को एक सिफारिश में कहा कि प्राइवेट बैंकों में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी की अधिकतम सीमा को लंबी अवधि में वर्तमान 15 फीसदी से बढ़ाकर पेड-अप वोटिंग इक्विटी शेयर कैपिटल का 26 फीसदी किया जा सकता है। समिति ने सभी नॉन-प्रमोटर शेयरधारकों के लिए भी बैंक में हिस्सेदारी की अधिकतम सीमा को समान रूप से 15 फीसदी रखने का सुझाव दिया। पिछले कुछ साल से प्राइवेट बैंक के प्रमोटर्स पर बैंक में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 15 फीसदी करने का दबाव बनाया जाता रहा है। इनमें कोटक महिंद्रा बैंक के प्रमोटर उदय कोटक भी शामिल हैं। 7 फर्जी टेलीविजन रेटिंग पॉइंट के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच करेगा। इसकी शिकायत दर्ज की जा चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय जांच एजेंसी ने प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट दायर की है। इस तरह की रिपोर्ट को पुलिस की एफआईआर के बराबर माना जाता है। बता दें कि अक्टूबर में मुंबई पुलिस ने फर्जी टीआरपी का मामला दर्ज किया था। बताया जा रहा है कि मुंबई पुलिस की एफआईआर को काफी समझने के बाद अपनी रिपोर्ट दर्ज की है। 8 देश का फॉरेक्स रिजर्व फिर एक नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से शुक्रवार को जारी हुए आंकड़े के मुताबिक 13 नवंबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.277 अरब डॉलर उछलकर 572.771 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पहले 6 नवंबर को समाप्त सप्ताह में भी यह 7.779 अरब डॉलर उछलकर 568.494 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक पहली बार 5 जून 2020 को समाप्त हुए सप्ताह में फॉरेक्स रिजर्व 500 अरब डॉलर के पार पहुंचा था। 9 अरहर दाल और सब्जी जैसे खाने के सामान के दामों में तेजी से कृषि वर्कर और ग्रामीण वर्कर के लिए खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में मामूली बढ़कर क्रमशरू 6.59 प्रतिशत और 6.45 प्रतिशत पहुंच गई। बता दें कि इस साल यह पहला मौका है जबकि कीमतों में वृद्धि हुई है। श्रम मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिक (सीपीआई-एएल) पर आधारित कृषक कामगारों की खुदरा मुद्रास्फीति इस साल सितंबर महीने में 6.25 प्रतिशत और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण श्रमिक (सीपीआइ-आरएल) संबंधी खुदरा महंगाई दर 6.10 प्रतिशत थी। 10 फेसबुक की रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान भारत में 57,294 यूजर्स व अकाउंट के लिए कुल 35,560 रिक्वेस्ट किए गए। रिपोर्ट के अनुसार, 50 प्रतिशत मामलों में कुछ डेटा पेश किए गए। वर्ष 2020 के पहले छह महीनों में उपयोगकर्ताओं के डेटा के लिए वैश्विक स्तर पर सरकारों के अनुरोध 23 प्रतिशत बढ़कर 1,73,875 हो गए। पिछले साल यानी 2019 की दूसरी छमाही में ऐसे रिक्वेस्टों की संख्या 1,40,875 थी।