इन दिन कुबेरेश्वधाम पर प्रतिदिन हजारों की सख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है। वहीं भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनके उपासक कई तरह के उपाय करते हैं जिनमें से एक कांवड़ यात्रा भी शामिल है। आगामी 16 अगस्त को लगातार दूसरी साल शहर के सीवन तट से करीब 11 किलोमीटर तक निकाली जाने वाली यह कांवड यात्रा क्षेत्र वासियों ने लिए संजीवनी से कम नहीं है यात्रा में शामिल होने के लिए कांवड यात्री शहर में आकर आस्था और उत्साह के साथ कुबेरेश्वरधाम पर पहुंचेंगे। इस दौरान शहर सहित आस-पास के शहरवासी ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों के अलावा जनप्रतिनिधियों के द्वारा 300 से अधिक स्थानों पर स्वागत और पेयजल सहित अन्य की व्यवस्था की जाएगी। । अधिक मास की अमावस्या और सावन का जो मिलन हुआ है। यह काफी दिव्य योग है। कावड यात्रा को लेकर विठलेश सेवा समिति सहित क्षेत्रवासियों ने अपने-अपने स्तर पर तैयारियां की है। शिव पुराण के अनुसार श्रावण के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर निवास करते हैं। इसलिए इस मास में पूजा करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अधिक अमावस्या तिथि पडऩे के कारण पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है।