व्यापार
24-Aug-2020

देश के पांच बड़े सरकारी बैंक चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही यानी सितंबर, 2020-मार्च, 2021 के दौरान संस्थागत निवेशकों के हाथों शेयरों की बिक्री पर विचार कर रहे हैं। इनमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ), बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और यूनियन बैंक जैसे बड़े सरकारी कर्जदाता शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक ये बैंक कोरोना वायरस संकट और अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव के बीच शेयर बेचकर पूंजी आधार बढ़ाना चाहते हैं। सरकार ने इन खबरों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया था कि इनकम टैक्स रिटर्न के फॉर्म में बदलाव किया जा रहा है और करदाताओं को उनके द्वारा किए गए बड़े खर्चों का ब्योरा इसमें देना होगा। सरकार ऐसा कोई बदलाव नहीं करने जा रही है। यानी करदाताओं को अपने हाईवैल्यू ट्रांजेक्शन्स के बारे में कोई विवरण देने की जरूरत नहीं होगी। यह काम वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, इसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न के फॉर्म में बदलाव का कोई विचार नहीं है। वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी के मोर्चे पर सरकार ने व्यापारियों को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्रालय ने व्यापारियों को दी जाने वाली जीएसटी छूट का दायरा डबल कर दिया है। पहले 20 लाख रुपए के सालाना कोरोबार पर जीएसटी की छूट थी, जिसे अब बढ़ाकर 40 लाख रुपए कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले लोग कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं और केवल 1 फीसदी कर का भुगतान कर सकते हैं। वित्त मंत्रालय के अनुसार, जीएसटी लागू होने के बाद टैक्सपेयर बेस लगभग दोगुना हो गया है। इसे लागू किए जाते समय जीएसटी द्वारा कवर किए गए एसेसिज की संख्या लगभग 65 लाख थी। अब यह बढ़कर 1.24 करोड़ से अधिक हो गई है। जीएसटी में सभी प्रक्रियाएं पूरी तरह से स्वचालित हैं। वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख के बीच वित्तीय कंपनियों के शेयरों में तेजी से आज दिनभर के कारोबार के बाद सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार बढ़त पर बंद हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 0.95 फीसदी की बढ़त के साथ 364.36 अंक ऊपर 38788.08 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.83 फीसदी ऊपर 94.85 अंकों की बढ़त के साथ 11466.45 के स्तर पर बंद हुआ। विदेशी कोषों के सतत प्रवाह और घरेलू शेयर बाजारों में तेजी के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को रुपये में कारोबार का रुख पलट गया और अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 52 पैसे के उछाल के साथ 74.32 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। इसके अलावा प्रमुख वैश्विक मुद्राओं की तुलना में डॉलर के कमजोर होने से भी रुपये की तेजी को समर्थन प्राप्त हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 74.91 पर कमजोर खुला। लेकिन बाद में इसमें मजबूती आई तथा कारोबार के दौरान इसमें 74.31 रुपये से 74.91 रुपये के दायरे में घट-बढ़ हुई। कारोबार के अंत में यह 52 पैसे के उछाल के साथ 74.32 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कोरोनावायरस और लॉकडाउन के कारण करीब 4 माह से बंद सिनेमा हाल अब सितंबर खुल सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस बार के अनलॉक में सिनेमा हॉल और थिएटर के अलावा स्कूल, कॉलेज, शॉपिंग मॉल में सभी स्टोर खुलने को लेकर सरकार छूट दे सकती है। इसी उम्मीद के साथ देशभर के बड़े सिनेमा हाल के मालिकों ने ग्राहकों को थिएटर तक लाने के लिए कमर कस कर तैयारी कर रहे हैं। मल्टीप्लेक्सेज मूवी टिकट पर भारी छूट देने की तैयारी कर रही है। कोरोनाकाल में आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आत्मनिर्भर बनने की अपील की है। पीएम मोदी ने दूसरे देशों पर निर्भर रहने के बजाए देश में ही नए-नए उत्पाद बनाने और उन्हें पूरी दुनिया में बेचने के लिए कहा है। भारत आर्थिक तौर पर ग्लोबल लीडर बनने के लिए चीन से मुकाबले की तैयारी कर रहा है। लेकिन नए उत्पाद पेश करने में हम चीन के मुकाबले कहीं नहीं ठहरते। इसका कारण यह है कि हम नए उत्पाद बनाने के बजाए पारंपरिक तरीके से कारोबार कर रहे हैं। पेटेंट फाइलिंग के ताजा डाटा के मुताबिक, भारत इनोवेशन में चीन से काफी पीछे हैं। चीन की टेक्नोलॉजी कंपनी बायडांस के निवेशक शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को बेचने के लिए मदद कर सकते हैं। यह निवेशक टिकटॉक के संभावित खरीदारी को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए अपनी हिस्सेदारी का इस्तेमाल कर सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रीय सुरक्षा और यूजर्स के डाटा की गोपनीयता को लेकर टिकटॉक पर बैन लगाने के लिए एक्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी कर दिया है। यह ऑर्डर 15 सितंबर से प्रभावी होगा। हालांकि, ट्रम्प ने टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बायडांस को इसका अमेरिकी कारोबार बेचने के लिए 90 दिन की मोहलत दी है। ट्रम्प चाहते हैं कि टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को कोई अमेरिकी कंपनी ही खरीदे। जून और जुलाई के बाद अगस्त में भी भारतीय पूंजी बाजार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए आकर्षक बना हुआ है। इस महीने 3 से 21 अगस्त के बीच एफपीआई ने भारतीय पूंजी बाजार (शेयर और डेट बाजार) में शुद्ध तौर पर 41,330 करोड़ रुपए का निवेश किया। नेशनल सिक्युरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने भारत में जुलाई में 3,301 करोड़ रुपए और जून में भी 26,009 करोड़ रुपए लगाए थे।


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